
मुरादाबाद में एक शख्स जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में
22 घंटे तक पेड़ के सहारे रुका रहा। मौत और जिंदगी
के बीच शाह और मात के इस खेल में जीत जिंदगी की
हुई और मौत हार गई। शाह और मात के इस खेल में
जिंदगी की जग जितने वाले शख्स का नाम सतपाल है।
वो संभल जिले के कुड़फतेगढ़ इलाके के गांव मैथरा का
रहने वाला है।
सतपाल शनिवार की शाम करीब 7 बजे अपने घर से
मुरादाबाद आने के लिए निकला था। उसे मूंढापांडे के
गांव राझेड़ा अपनी नानी के घर जाना था। वो करीब 9
बजे मूंढापांडे के रामगंगा पुल को पार कर रहा था। तभी,
रामगंगा ऊफान पर आ गई। पानी का तेज बहाव होने
की वजह से सतपाल संतुलन खो बैठा और पानी के तेज
बहाव में डेढ़ किलो मीटर तक बहता चला गया।
किसी तरह युवक मूंढापांडे के रोंडा झोंडा के जंगलों
–
में यूकेलिप्टस के पेड़ की टहनी के सहारे पानी के तेज
बहाव में रुक रहा, कुछ देर बाद उसने हिम्मत दिखाई
और क्यूलिप्टस के पेड़ पर चढ़ गया। सतपाल की
किस्मत अच्छी थी कि डेढ़ किलोमीटर पानी के तेज
बहाव में बहने के बाद भी उसका मोबाइल बंद नहीं
हुआ। उसने भाई वीरपाल को कॉल किया और घटना की.जानकारी दी।
लेकिन, मोबाइल में पानी भर जाने की वजह से भाई
को लोकेशन नहीं बता सका और मोबाइल स्विच ऑफ
हो गया। पेड़ के नीचे पानी की गहराई लगभग 30 फीट
थी । सतपाल को अहसास था कि अगर में नीचे गिरा तो
बच नहीं पाऊंगा। वो रातभर बिना कुछ खाए-पिए पेड़ के
सहारे रुका रहा। सुबह तक जब सतपाल घर नहीं पहुंचा
तो परिजन मुरादाबाद आए ।
सतपाल के भाई वीरपाल ने मूंढापांडे की चौकी
दलपतपुर में चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र कुमार को पूरा
घटनाक्रम बताया। धर्मेंद्र कुमार ने पूरे मामले की
जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सतपाल के
मोबाइल नम्बर का सीडीआर निकला गया। लोकेशन
मियां पर एसएसपी सतपाल अंतिल ने सतपाल को
रेस्क्यू करने के लिए पांच टीमें लगाईं। एसडीआरएफ
और स्थानीय गोताखोरों ने सतपाल की तलाश शुरू की।
लगातार तीन घंटे की तलाश के बाद टीम के एक सदस्य
ने सतपाल को पेड़ पर देखा। पुलिस ने सतपाल को
आवाज लगाई। टीम यूकेलिप्टस के पेड़ के पास गई उसे
सुरक्षित नीचे उतरकर बाहर निकला।